Tuesday 16 October 2012

नेटवर्क मार्केटिंग के नाम पर गरीबों से लूट


आज कल नेटवर्क मार्केटिंग के नाम पर गरीबों एवं बेरोजगारों को लूटने का खेल खुलेआम चल रहा है. आज कल ढेरों ऐसीं कंपनिया बाजार में आसानी से देखि जा सकती है जो बेरोजगारों एवं गरीबों को आसानी से पैसा कमाने के तरीके बताते हुए अपनी कंपनी से जुड़ने की बात करते है. कंपनी से जुड़ने के लिए एक निश्चित रकम चुकानी होती है.
कंपनी से जुड़ने के बाद ये कंपनी नेटवर्क मार्केटिंग के नाम पर अपने प्रोडक्ट को महंगे दामों पर बेचने के लिए लिए बाध्य करती है, इनका बिजनेस मोडल या तो पिरामिड सिस्टम पर आधारित होता है या फिर बाइनरी सिस्टम पर जो की "प्राइज चिट्स एंड मनी सर्कुलेसन एक्ट 1978 (बैनिंग) के तहत अवैध होता है एवं पकडे जाने पर 3 साल के करावाश का प्रावधान है.
इस प्रकार की अवैध कंपनिया पहले युवकों को स्वर्णिम स्वप्न दिखतीं है और फिर दावा करतीं है की अगर आपको अपने इन सपनो को साकार करना है तो कंपनी के साथ जुड़ कर नए सदस्यों को जोडीये.
इस समबन्ध में जब हमारी टीम ने ग्वालियर के जिलाधीश पि.नरहरी से बात की तो उन्होंने कहा की अभी तक इस प्रकार के किसी भी कंपनी के सञ्चालन से सम्बंधित कोई सिकायत नहीं आयी है, अगर कोई सिकायत आती है तो दोषियों पर अविलम्ब कार्यवाई की जाएगी.
इस प्रकार के कंपनी से जुड़े एक व्यक्ति ने नाम न छपने के शर्त पर बताया की उन्हें मीडिया एवं उन व्यक्तिओं जो की कंपनी के बारे में ज्यादा जानकारी देने को कहते है, से दूर रहने को कहा जाता है.
यही कारण है की इस प्रकार की कंपनी से जुड़ने वालों में से ज्यादात्तर गाँव के कम पढ़े लिखे लोग ही सामिल है.

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