Tuesday 30 October 2012

Nmart के द्वारा दायर याचिका खारिज

मुंबई (29अक्तूबर)! आज मुंबई उच्चन्यायलय ने N 'Mart द्वारा दायर याचिकायों को ख़ारिज करते हुए खाशी नाराजगी जाहिर की है।
आपको बता दें की मुंबई उच्च न्यायलय में दो याचिकाएं दायर की गयी थी, एक प्रतिभा शेखावत एवं दूसरी गोपाल शेखावत तथा कंपनी के लोगों द्वारा दायर की गयी थी। याचिका में इन्होने मांग किया था की आंध्रप्रदेश पुलिस द्वारा उनके खिलाफ दर्ज की गयी रिपोर्ट रद्द की जाये।
न्यायलय ने दोनों याचिकाओं के विरोधाभासी होने के कारण रद्द करते हुए अपनी नाराजगी जाहिर की।

Wednesday 17 October 2012

MLM के खिलाफ अभियान शुरू


मल्टीलेवल मर्केटिंग के नाम पर लोगों को गुमराह कर रही  कंपनियों पर सरकार जल्द ही नकेल कसने जा रही है।  कंपनी मामलों केमंत्री वीरप्पा मोईली ने प्रेस को दिए अपने एक बयान में कहा कि ऐसी कंपनियों में अधिकांश कंपनियां "रजिस्ट्रार ऑफ़ कंपनीज" से पंजीकृत नहीं हैं, तथा जो कंपनियां पंजीकृत हैं भी उन्होंने अपना कारोबार कुछ और बताकर पंजीकरण हासिल किया है। बीरप्पा मोईली ने कहा कि सरकार कड़ा रूख अपनाते हुए अब ऐसी कंपनियों व उनके एजेंटों की धर पकड़ के लिए स्थानीय पुलिस की मदद से एक अभियान चलाने जा रही है ताकि लोगों को गुमराह कर ऐसी कंपनियां अर्थिक अपराध केषड़यंत्र न बुन सकें। वीरप्पा मोईली ने बताया कि भारत में अवैध रूप से चल रही तमाम नेटवर्क कंपनियों के डोमेन सर्च किए जा रहे हैंतथा विभिन्न सूत्रोंकी मदद से इस तरह की कंपनियों के संचालकों व एजेंटों के नम्बर व ठिकानों के एकत्रीकरण का काम राज्य सीआईडी व स्थानीय अपराध शाखाओं को सौंपा गया है।
 इस प्रकार की कंपनियों की कार्यप्रणालियों को समझने के लिए एक विशेष सैल गठित किया जा रहा है, जो तकनीकी के फेर से संचालित होने वाली इन कंपनियों के वास्तविक मंतव्य को समझ कर इनके द्वारा किए जाने वाले अपराध का आकलन करेगा। बीरप्पा मोईली ने बताया कि अब तक 3000 से अधिक कंपनियों के गड़बड़ झाले के बारे विभिन्न जांच एजेंसियों को सूचना मिल चुकी है। विभिन्न प्रकार के विश्वसनीय घरेलू उत्पादों को विश्वसनीय तरीके से लोगों तक पहुंचाने वाली कंपनियों के नियमन के लिए सरकार जल्द ही संसद में बिल पास करेगी। जिस से नेटवर्क मार्केटिंग में नियमों के दायरे में रह कर तथा अपने स्थाई कार्यालय स्थापित कर ईमानदारी से काम करनेवाली कंपनियों को काम करनेका माहौल दिया जा सके। उधर EOW  मुंबई की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति किसी भी कंपनी में पैसा लगाने से पहले कंपनी के डायरैक्टर, कंपनी के कार्यालय कंपनी के वैधता संबंधी प्रमाण पत्र, कंपनी केउत्पाद इत्यादि के बारे में.पूरी-पूरी जानकारी हासिल कर ले तथा किसी भी प्रकार का संदेह होने पर EOW (economic offences wing)  मुंबई व दिल्ली कार्यालय को संबंधित जानकारी मुहैया करवाए। उधर केरला सरकार ने भी उक्त सभी माध्यमों के जरिए लोगों को ठग रही कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। इंश्योरेंस के जरिए अपने नेटवर्क विस्तार में लगी कंपनियों को भी केरल से खदेड़ा जा रहा है। केरल में काम करने वाले नेटवर्करों को भी अब बिना परिचय पत्र किसी से मिलने पर मनाही है। इंश्योरेस के माध्यम से लोगों को लाखों का चूना लगा चुकी डाफिन टच व टीएलसी जैसी कंपनियां भी अब केरला सरकार के निशाने पर हैं। नेटवर्क कंपनियों पर संदेहस्पद कंपनियों के एजेंटों के बारे तुरंत EOW  के नंबरों पर तुरंत कॉल करें।
Economy Offence Wing के नंबर है :
011- 26510008,
 23745317, 23746754, 23746614.
022- 22625028, 22620111, 22630818.

Tuesday 16 October 2012

नेटवर्क मार्केटिंग के नाम पर गरीबों से लूट


आज कल नेटवर्क मार्केटिंग के नाम पर गरीबों एवं बेरोजगारों को लूटने का खेल खुलेआम चल रहा है. आज कल ढेरों ऐसीं कंपनिया बाजार में आसानी से देखि जा सकती है जो बेरोजगारों एवं गरीबों को आसानी से पैसा कमाने के तरीके बताते हुए अपनी कंपनी से जुड़ने की बात करते है. कंपनी से जुड़ने के लिए एक निश्चित रकम चुकानी होती है.
कंपनी से जुड़ने के बाद ये कंपनी नेटवर्क मार्केटिंग के नाम पर अपने प्रोडक्ट को महंगे दामों पर बेचने के लिए लिए बाध्य करती है, इनका बिजनेस मोडल या तो पिरामिड सिस्टम पर आधारित होता है या फिर बाइनरी सिस्टम पर जो की "प्राइज चिट्स एंड मनी सर्कुलेसन एक्ट 1978 (बैनिंग) के तहत अवैध होता है एवं पकडे जाने पर 3 साल के करावाश का प्रावधान है.
इस प्रकार की अवैध कंपनिया पहले युवकों को स्वर्णिम स्वप्न दिखतीं है और फिर दावा करतीं है की अगर आपको अपने इन सपनो को साकार करना है तो कंपनी के साथ जुड़ कर नए सदस्यों को जोडीये.
इस समबन्ध में जब हमारी टीम ने ग्वालियर के जिलाधीश पि.नरहरी से बात की तो उन्होंने कहा की अभी तक इस प्रकार के किसी भी कंपनी के सञ्चालन से सम्बंधित कोई सिकायत नहीं आयी है, अगर कोई सिकायत आती है तो दोषियों पर अविलम्ब कार्यवाई की जाएगी.
इस प्रकार के कंपनी से जुड़े एक व्यक्ति ने नाम न छपने के शर्त पर बताया की उन्हें मीडिया एवं उन व्यक्तिओं जो की कंपनी के बारे में ज्यादा जानकारी देने को कहते है, से दूर रहने को कहा जाता है.
यही कारण है की इस प्रकार की कंपनी से जुड़ने वालों में से ज्यादात्तर गाँव के कम पढ़े लिखे लोग ही सामिल है.